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BUSINESS कि दुनिया से परे उसके गाँव मे उसके माता-पिता और उसकी प्रेमिका उसका इन्तजार कर रही थी....
उसके गाँव के बारे में और उसके सफल BUSINESS MAN बनने के राज को जानने के लिए कि उसने किन किन अपनो से क्या क्या विरोध का सामना करना पङा और उसने कैसे अपनी मँजील हासील कि... पढीयें विक्सा A BUSINESS MAN.
लेखक परिचय
विक्रमसिंह राजपुरोहित अपने पैत्रक गाँव को छोङकर बीजनेस् मे रूची होने के कारण बी ए फाइनल इयर् परिक्षा काल मे हि हैदराबाद आकर अपना बीजनैस शुरु किया कम आयु मे अध्ययन छोङ बीजनेस कार्य मे व्यस्त रहते हुए भी अपना लेखन कार्य जारी रखा इन्होने अपने व्यवसाय मे किसीसे कोइ सहायता न लेकर अपनी स्वयं कि लग्न से ये अपने पेरो पर खङे है और अपनी मंजील के मैदान-ए-रफ्तार मे सुमार है......
प्रत्येक उध्योग (प्रयास) किसी न किसी दोष से आव्रत होता है जिस प्रकार अग्नि धुएँ से आव्रत रहति है अतएव मनुष्य को चाहिए कि स्वभाव से उत्पन कर्म को भले हि व दोषपुर्ण कियो न हो कभी त्यागे नही |
बद्दजीवन मे सारा कर्म भौतिक गुणो से दुषित रहता है यहा तक कि ब्राह्मण तक को ऐसे यग्य करने पङते है जिनमे पशुहत्या अनीवार्य है इसी प्रकार क्षत्रीय चाहे कितना हि पवीत्र कियो न हो उसे शत्रुओ से युद्ध करना पङना है इसी प्रकार एक व्यापारी को चाहे वह कितना हि पवीत्र कियो न हो अपने व्यापार मे बने रहने के लिए कभी कभी लाभ को छिपाना पङता है कभी कभी कालाबाजारी भी चलाना पङता है ये बाते आवश्यक है इनसे बचा नही जा सकता |
अगर प्रतिद्वन्द्धी अपने सगे हो अपने रिश्तेदार हो हमे अपने कर्तव्य का पालन करना होता है दोषो से परिपुर्ण भले हि ऐसा नही होना चाहिए इन सब दोषो के होते हुए भी मनुष्य को अपने निर्दीष्ठ कर्तव्य करते रहना चाहिए क्यिौकी वे स्वभावगत है |
Details of Book: विक्सा A Business Man
Book: | विक्सा A Business Man |
Author: | Vikram Singh Rajpurohit |
Category: | Fiction |
ISBN-13: | 978-81-921311-9-1 |
Binding: | Paperback |
Publishing Date: | 2014 |
Number of Pages: | 49 |
Language: | Hindi |
Reader Rating | N/A |
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