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अंधविश्वास और रूढीवादियों की धारणा है कि बालक तो भगवान दे सै, निरभाग के तो लापा (मुखाग्नि) लाणिया भी ना होता। छोटी उमर में बालकां के हाथ पीले करके मां बाप अनणा फर्ज से उरिण हो सके सैं। कोई करमहीण ही हो तो ऊंह की भगवान जाणै।
(सारांश यह किः- अँधविश्वास और रूढीवादियों की धारणा है कि बच्चे तो भगवान देता है। अभागे लोगों को तो कोई मुखाग्नि देने वाला भी नहीं होता। छोटी आयु में बच्चों की शादी करके माता पिता अपने कर्तव्य से मुक्त हो सकते हैं। यदि कोई अभागा ही हो तो उसकी भगवान जाने।
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Details of Book: कलेश की जड़
Book: | कलेश की जड़ |
Author: | Prabhu Dayal Mandhaiya Vikal |
Category: | Fiction |
ISBN-13: | 9789391041618 |
Binding & Size: | Paperback (5.5" x 8.5") |
Publishing Date: | 7th Feb 2022 |
Number of Pages: | 96 |
Language: | Hindi |
Reader Rating: | N/A |
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