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मैने इस किताब में भावनात्मक शैली को आत्मकथनातक शैली में लिखा है जिसमें पूण॔ रूप मे सत्यता विधमान है कयोंकि विश्र्व भर में जब भी मैने किसी भी स्त्री या पुरुष को अपने अन्दर महसूस किया व उनकी अंदरूनी भावना व व्यथा को समझा कि कैसे वह जिंदा रहते हुऐ मौत महसूस कर रहे है तो मेरे से उनकी वेदना के बारे में कुछ न कुछ लिखा गया व खुद भी अनुभव किया कि जिस परमात्मा की खोज में हम इस दुनिया में आते है उसे हम अपने अन्दर महसूस तो आवश्यक ही करते हैं पर उसे बिना पाएँ ही पीङा में ही वापिस चले जाते है और चाहें उस वेदना, दर्द, वियोग, पीङा, दुख को इश्क हकीकी कह लो चाहे इश्क मिजाजी ?
अमनदीप सिंह
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Details of Book: RAHASYMAYI PYAR...Inscrutable love
Book: | RAHASYMAYI PYAR...Inscrutable love |
Author: | Amandeep Singh |
Category: | Non Fiction, Spiritual & Self help |
ISBN-13: | 9789386447982 |
Binding & Size: | Paperback (5" x 8") |
Publishing Date: | 9th Feb 2019 |
Number of Pages: | 94 |
Language: | Hindi |
Reader Rating: | 5 Star |
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