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MRP: 200/-![]() |
सौभाग्यवश लेखक को पीड़ादायक एवं हृदयविदारक संघर्षों का सामना जीवन भर करना पड़ा। संघर्ष रूपी जीवन के विभिन्न पड़ावों पर भिन्न-भिन्न किस्म के कार्यों को करना पड़ा। भीषणतम दुःख एवं पीड़ादायक संघर्ष ईश्वर द्वारा दुर्लभ किस्म के व्यक्तियों को चुनकर प्रदान किया जाता है। लेखक इन्हीं परम सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से एक है । व्यक्ति जन्म लेते हैं और उनकी मृत्यु भी हो जाया करती है परन्तु व्यक्तित्व हमेशा जीवित रहता है। व्यक्तित्व का निर्माण अतिदुःख एवं संघर्षों की गहरी नींव पर आधारित होता है। व्यक्तित्व स्वयं में “दुर्धर्ष” होता है और उसकी एक स्वाभाविक सृजनशीलता होती है, उसी सृजनशीलता की एक झलक इस पुस्तक में सारगर्भित है।
भविष्य में लेखक द्वारा एक और पुस्तक का सृजन किया जाएगा, जो उसकी आत्मकथा से सम्बन्धित होगा। जीवन की तमाम, उठापटक एवं झंझावतों को लेखक ने कैसे झेला एवं उनपर विजय कैसे प्राप्त की ! उन तरीकों का उस पुस्तक में उल्लेख होगा। इसलिए वह पुस्तक आत्मकथा के साथ ही साथ “प्रेरणादायक” और “सेल्फ हेल्प” पुस्तक के रूप में भी होगी, जो निःसंदेह पाठकों के लिये लाभदायक सिद्ध होगी।
Book: | Mooltatv |
Author: | Bhupesh Kumar Singh |
Category: | Spiritual, Religious |
ISBN-13: | 9789391041830 |
Binding & Size: | Paperback (5.5" x 8.5") |
Publishing Date: | Dec 2023 |
Number of Pages: | 64 |
Language: | Hindi |
Reader Rating: | N/A |