SANTALI SINDHU SABHYATA KI BHASHA 2nd Edition | Author: Prabhunath Hembram

MRP: 600/-
सिन्धु घाटी सभ्यता के वास्तविक निर्माता के विषय पर आज भी इतिहासकारों एवं बुद्धिजीवियों के मध्य विचारों का प्रतिद्वन्द्व छिड़ा हुआ है। इनके एक वर्ग आर्यों के और दूसरा वर्ग द्रविड़ों के समर्थन में दिखाई देते हैं। इन दोनों दृष्टिकोणों के विपरीत, इस पुस्तक में लेखक ने अपनी निजी शोध एवं सिन्धु लिपि की व्याख्या के आधार पर सिन्धु घाटी सभ्यता के निर्माता होने का श्रेय संताल जाति को दिया है।

वैज्ञानिकों के द्वारा राखीगढ़ही के प्राचीन DNA में Y-DNA और mt-DNA, M4a आनुवांशिक कड़ी का प्रमाण पाया गया है। ये आनुवांशिक संबंध, भारत के आस्ट्रो-एशियाटिक भाषा समूह से है - जैसे मुण्डारी, संताली एवं खासी। प्रसिद्ध भाषाविद माइकल विजल ने भी तार्किकतापूर्वक सिन्धु लिपि को मुण्डा-परिवार की भाषा होने का वकालत किया है। ऐसी स्थिति में राखीगढ़ही के प्राचीन DNAमें यदि O एवं M4a का आनुवांशिक संबंध पाया जा रहा है तो यह तथ्य अनेकों के लिए आश्चर्य का विषय होगा तथा वैदिक पूर्व भारत की इतिहास का हमारे ज्ञान में सुधार करते हुए उस इतिहास में भी संशोधन करना आपेक्षित होगा। (दी हिन्दू, दिसम्बर 23, 2017  में टोनी जोसफ के लेख पर आधारित)




Details of Book: SANTALI SINDHU SABHYATA KI BHASHA 2nd Edition 

Book:SANTALI SINDHU SABHYATA KI BHASHA 2nd Edition 
Author:Prabhunath Hembram
Category:Reference, Education
ISBN-13:9789395773065
Binding & Size:Paperback (8.5" x 11")
Publishing Date:Feb 2023
Number of Pages:252
Language:Hindi
Reader Rating:   N/A
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