Ghere Mein Bandhe Log | Author: Gurmukh Singh Jeet

MRP: 220/-

इस संग्रह की सभी कहानियों को मैंने पढ़ा है, पढ़ने के बाद मैं कई कहानियों पर बार बार सोचता रहा। 'देखो कौन आया है', 'मेरी पत्नी का पति', 'बिना नींव की मीनार', 'तुम्ही अमार बंधु' ... कई और कहानियां भी फिर गौर से पढ़ी ... और तब मुझे अंदाजा हुआ की हमारे समकालीनों में इतना विराट, विस्तृत और व्यापक रचना-संसार शायद किसी अन्य लेखक का नहीं है, जितना  की गुरमुख सिंह जीत का है। इस बात के अलावा मुझे यह कहने  में भी संकोच नहीं की उनकी लगभग हर कहानी अपने अछूते कथ्य के कारण विशिष्ट बन जाती है। गुरमुख सिंह जीत की कहानियों ने नीरसता व एकसारता को तोड़ कर, कम से कम मुझे तो, अब फिर शिद्दत के साथ कहानियों को पढ़ने की और उन्मुख किया है। किसी लेखक का साहित्य यदि पाठक को पढ़ने के लिए मजबूर के दे, तो उसे ही साहित्य की आंतरिक क्षमता का श्रेय दिया जा सकता है।  

कमलेश्वर (Kamleshwer)






Details of Book: Ghere Mein Bandhe Log

Book:Ghere Mein Bandhe Log
Author:Gurmukh Singh Jeet
Category:Fiction
ISBN-13:9789395773164
Binding & Size:Paperback (5.5" x 8.5")
Publishing Date:April 2023
Number of Pages:126
Language:Hindi
Reader Rating:   N/A
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